कानपुर तंबाकू उत्पादों के निर्माण के लिए देश व प्रदेश का एक प्रमुख केंद्र रहा है। लेकिन हाल ही में पांच प्रमुख पान मसाला कंपनियों ने यहां से अपना कारोबार समेट लिया है। इन कंपनियों का कहना है कि राज्य में एसजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) विभाग की सख्ती और बढ़ते टैक्सेशन के कारण उनका संचालन मुश्किल हो गया है। इस वजह से पान मसाला कंपनियों ने झारखंड और दूसरे राज्यों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया।
एसजीएसटी की सख्ती और लगातार छापेमारी, बढ़ते करों और नियामक परेशानियों का सामना… इन वजहों से कंपनियाँ जा रही हैं। इनके जाने से लाखों लोगों की आजीविका पर खतरा उत्पन्न हो गया है। इनके जाने से संबंधित उद्योगों और छोटे व्यापारियों की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ेगा। इन कंपनियों के पलायन से शहर में रोज़गार और आर्थिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक, पान मसाला उद्योग से लगभग 1 लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे।